जहां अपनी बात कहना
इक गुनाह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
जहां अन्याय सहना और चुप रहना,
जीने की सही राह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
जहां लोगों के होठों पे मुस्कान,
पर दिल में दबी आह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
जहां मौत आसान,
मुश्किल जीने की चाह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
जहां सच का होता कत्ल सरेआम,
पर झूठ को मिलती पनाह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
जहां ज्ञानी प्रजा,
अज्ञानी बादशाह हो,
उस देश का भगवान ही मालिक!
--ब्रजेश कुमार (Bk)
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