दरिया भी मैं , दरख़्त भी मैं.... झेलम भी मैं , चिनार भी मैं। ..दैर भी हूँ ,हरम भी हूँ.....शिया भी हूँ ,सुन्नी भी हूँ ,मैं हूँ पंडित...… मैं था और मैं ही रहूंगा।
मूवी -हैदर
इरफ़ान खान।
BY अंकुश शर्मा
मशहूर एक्टर इरफान खान 54 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गये , पर जो भी आदमी इरफ़ान खान की शखसियत और उनकी अदाकारी से परिचित हैं | उन्होंने कभी ये नहीं सोचा होगा की इस अभिनेता को ज़िन्दगी इतना कम समय देगी |
जब उनको अपनी बीमारी , यानी की न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला तो , उन्होंने एक बहुत खूबसूरत संदेश ऑडिओ नोट के जरिए , सोशल मीडिया पे शेयर किया |
" मेरे शरीर के अंदर अनवांटेड मेहमान बैठे हुए है , उनके साथ वार्तालाप चल रहा है ,देखते हैं किस कर्वट ऊंट बैठता है "
उनका पूरा सन्देश निचे दिए इस लिंक में है।
#1 टवीट।
— Irrfan (@irrfank) March 5, 2018
जीवन अनिश्चितता का दूसरा नाम है , 2018 में उन्होंने मार्गरेट मिचेल की क्वोट को ट्वीट किया , ज़िन्दगी पर हमारी चाहत की कोई बंदिश नहीं होती।
# 2 टवीट
🙏🏻 pic.twitter.com/IDThvTr6yF
— Irrfan (@irrfank) March 16, 2018
शोक की प्रतिक्रया। ...
I’m numb today... I haven’t been able to accept the loss of a brilliant co-actor & a fabulous person that @irrfank was! We’ve lost a gem today... but his legacy will live on through the phenomenal body of work that he has left behind. Rest in peace, Irrfan!🙏🏻🙏🏻#IrrfanKhan pic.twitter.com/7jrRDRYdcC— SHILPA SHETTY KUNDRA (@TheShilpaShetty) April 29, 2020
Very sad to hear about Irrfan sirs passing. 1 of our finest actors. A magician on the big screen; inspiring & igniting hearts! I was beyond excited to get the precious opportunity to share the screen with him in Haider. Will always be his fan & cherish those moments. RIP sir 💜 pic.twitter.com/DveCGVxvvu— Shraddha (@ShraddhaKapoor) April 29, 2020
When we thought nothing could make us feel worse,this happened. I think I will refuse to believe you are no more by watching all your work time n again n again n again. I have known you that way n shall continue to know you that way for ever. You ARE the best we have #IrrfanKhan— taapsee pannu (@taapsee) April 29, 2020
Irrfan Khan as Urdu Marxist poet/activist Makhdoom Mohiuddin in the series “Kahkashan”. Truly such a devastating, heartbreaking loss ❤️ pic.twitter.com/6SahqinMKm— the dialectic daughter (@priyavprabhakar) April 29, 2020
Why does 2020 keep getting worse? It’s like a long Endless nightmare...— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) April 29, 2020
— Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) April 29, 2020
My dear friend Irfaan. You fought and fought and fought. I will always be proud of you.. we shall meet again.. condolences to Sutapa and Babil.. you too fought, Sutapa you gave everything possible in this fight. Peace and Om shanti. Irfaan Khan salute.— Shoojit Sircar (@ShoojitSircar) April 29, 2020
GOOD BYE IRFAAN 🙏🏽— Subhash Ghai (@SubhashGhai1) April 29, 2020
A man with golden heart n abundance talent.
You will be marked as an institution in art of acting in transforming a theatre style ACTING to improvisational acting on screen 👍
I always felt warmth with u during our film’Right ya Wrong’ n post ❤️
RIP 🙏🏽 pic.twitter.com/kQxq4SoPQK
Director Tigmanshu Dhulia Say About Irrfan Khan he is the Best Actor Ever 😢😢#IrrfanKhan pic.twitter.com/LnIAZUPG9M— RehmaN HameeD (@IamRHB) April 29, 2020
अभी तो time आया था तेरा मेरे भाई। अभी तो कितना काम करता तू जो इतिहास में लिखा जाता। क्या यार? थोड़ी ताक़त और लगाता भाई। पर लगाई तो होगी ही तूने सारी। ठीक है, जा। आराम कर। दो साल बहुत लड़ा तू। थक भी गया होगा। एक बार बैठना चाहिए था हम सारों को, दारू पीते। पर बैठते नहीं हम।— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) April 29, 2020
मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी ,नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सहीमैंने दिल से कहा— Neelesh Misra (@neeleshmisra) April 29, 2020
ढूँढ लाना ख़ुशी
नासमझ लाया ग़म
तो ये ग़म ही सही
When I wrote these lines for “Rog” I thought I was writing then about my life — but I wish they hadn’t seemed like his autobiographical words right now. 🙏 @irrfank #IrrfanKhan #RIPIrrfanKhan #इरफ़ान_ख़ान pic.twitter.com/qSRIQfKnB0
इरफ़ान खान बेशक इस दुनया में नहीं रहे, उनकी मौजूदगी हमारे दिलों में हमेशा रहेगी , उन्होंने जो किरदार
पर्दे पे जिए हैं | उन किरदारों को वो हमेशा के लिए अमर कर गए है
हैं | उनकी प्रमुख फिल्में सलाम बॉम्बे से लेकर अंग्रेजी मिडियम तक सिनेमा जगत में विशेष स्थान रखती हैं |
उनकी विशेष फिल्में जैसे सलाम बॉम्बे 1988 , द वारियर ,हासिल 2003 , मक़बूल 2003 ,चॉक्लेट 2005 ,यूँ होता तोह क्या होता 2006 ,लाइफ इन मेट्रो 2007, दिल्ही-6 2008 ,स्लमडॉग मिलियनेयर 2008 ,सात खून माफ़ 2011 , यह साली जिंदगी 2011 ,पान सिंह तोमर 2012 ,डी लंच बॉक्स 2013 ,डी-डे 2013,मदारी ,हिंदी मिडियम 2017 , क़रीब क़रीब सिंगल 2017 ,ब्लैकमेल 2018 ,इंग्लिश मिडियम 2020
हमारे बीच से इरफ़ान खान के चले जाने से जो जग़ह खाली हुई है , उसकी कमी हमेशा खले गी | पर अपने अभिनय से वो हमारे लिए इतनी बड़ी विरासत छोड़ गए है | जो हमेश हमारे साथ रहेगी |
सिनेमा में निभाये हुए किरदार , उनको हमारे बीच जिन्दा रखेंगे |
रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया
वो क्यूँ गया है ये भी बता कर नहीं गया।
-शहज़ाद अहमद
TEAM KAAVISH
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