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नासमझ लाया ग़म , तो ये ग़म ही सही ||


दरिया भी मैं , दरख़्त भी मैं.... झेलम भी मैं , चिनार भी मैं। ..दैर भी हूँ ,हरम भी हूँ.....शिया भी हूँ ,सुन्नी भी हूँ ,मैं हूँ पंडित...…  मैं था और मैं ही रहूंगा। 

मूवी -हैदर 
इरफ़ान खान। 

BY अंकुश शर्मा 



मशहूर एक्टर इरफान खान 54 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह  गये , पर जो भी आदमी  इरफ़ान खान की शखसियत और  उनकी  अदाकारी से परिचित  हैं | उन्होंने कभी  ये नहीं सोचा होगा की इस अभिनेता को   ज़िन्दगी इतना कम समय  देगी |
जब उनको अपनी बीमारी , यानी की न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला तो , उन्होंने एक बहुत खूबसूरत संदेश ऑडिओ  नोट के जरिए ,  सोशल मीडिया पे शेयर किया |


" मेरे शरीर के अंदर अनवांटेड मेहमान  बैठे हुए है , उनके साथ वार्तालाप चल रहा है ,देखते हैं  किस कर्वट ऊंट बैठता है "

उनका पूरा सन्देश निचे दिए इस लिंक में  है।
इस सन्देश के आखिर में , वे अपने सभी चाहने वालों को  कहते हैं , की  वेट फॉर मी  | हम तो उनका वेट कर रहे थे  ,पर आज की खबर हम सब  को सदा केलिए नाउम्मीद कर गेई | अब हम  उन्हें कभी नहीं देख पाएंगे।


#1 टवीट। 

जीवन  अनिश्चितता का दूसरा नाम है , 2018  में उन्होंने मार्गरेट मिचेल की क्वोट को ट्वीट किया , ज़िन्दगी पर  हमारी चाहत की कोई बंदिश नहीं होती।

# 2  टवीट
       
          🙏🏻 pic.twitter.com/IDThvTr6yF

शोक की प्रतिक्रया। ...









           मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना ख़ुशी ,नासमझ लाया ग़म तो ये ग़म ही सही



इरफ़ान खान बेशक इस दुनया में नहीं रहे, उनकी मौजूदगी  हमारे दिलों में हमेशा रहेगी ,  उन्होंने जो किरदार 
पर्दे पे जिए  हैं |  उन किरदारों को  वो  हमेशा के लिए अमर कर गए  है
हैं | उनकी प्रमुख फिल्में सलाम बॉम्बे से लेकर अंग्रेजी मिडियम   तक सिनेमा जगत में विशेष स्थान रखती हैं | 

उनकी विशेष फिल्में जैसे सलाम बॉम्बे 1988 , द वारियर ,हासिल 2003  , मक़बूल 2003 ,चॉक्लेट 2005 ,यूँ  होता तोह क्या होता 2006 ,लाइफ इन मेट्रो 2007, दिल्ही-6 2008 ,स्लमडॉग मिलियनेयर 2008 ,सात खून माफ़ 2011 , यह साली जिंदगी 2011 ,पान सिंह तोमर 2012 ,डी लंच बॉक्स 2013 ,डी-डे 2013,मदारी  ,हिंदी मिडियम 2017 , क़रीब क़रीब सिंगल 2017 ,ब्लैकमेल 2018 ,इंग्लिश मिडियम 2020  

हमारे बीच से इरफ़ान खान  के चले  जाने से  जो जग़ह खाली हुई है , उसकी कमी हमेशा खले गी | पर अपने अभिनय से वो हमारे लिए इतनी बड़ी विरासत छोड़  गए है | जो हमेश हमारे साथ रहेगी | 

सिनेमा में निभाये हुए किरदार , उनको हमारे बीच जिन्दा रखेंगे | 

 रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया 
 वो क्यूँ गया है ये भी बता कर नहीं गया।
 -शहज़ाद अहमद 




TEAM KAAVISH








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