By Shikhar भारत ने आजादी के 70 साल पूरे कर लिए हैं| वह आजादी जो कि ए•सी कमरों में ना बैठकर और जेड सिक्योरिटी में ना रहकर असंख्य शहीदों की आहुतियां से प्राप्त की गई है । "शहीद" जिनमें "क्रांतिकारी भी आते हैं, गांधीवादी भी, नरम दल भी आते हैं, और गरम दल भी व्यक्ति भी आते हैं, और संगठन भी पुरुष भी आते हैं और स्त्री भी, बुजुर्ग भी आते हैं और युवा भी "| भले ही उन सब की कार्यप्रणाली भिन्न रही हो अथवा विचारों के मतभेद रहे हो पर वे सब केवल एक ही उद्देश्य के लिए संघर्षरत थे और वह उद्देश्य था " स्वाधीनता अर्थात स्वतंत्रता"| आज 23 मार्च की यह तारीख इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गई है.| यह तारीख है अमृतव के सिद्धांत की , देश प्रेम की, लोक प्रेम की और उस प्रेम के लिए किसी मनुष्य के असीमित शौर्य के प्रतीक की. | यह तारीख है एक सपने की. " सपना की मनुष्य द्वारा मनुष्य का शोषण, एक राष्ट्र द्वारा राष्ट्र का शोषण और व्यवस्था द्वारा लोगों पर प्रत्येक प्रकार का शोषण खत्म हो और एक ऐसा उज्जवल भविष्य हो जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को पू...